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मेरी कहानी -मेरी जुबानी ******************

मेरी कहानी -मेरी जुबानी ******************  मैं वंश हूँ। मम्मा  - पापा ,दादी और बुआ का दुलारा वंश।आपको मालूम है मैं इस दुनिया में कब आया ?6 मार्च 2018 को। मम्मा के पेट के भीतर बहुत अँधेरा था मगर बहुत अच्छा लगता था  वहाँ। बाहर आया तो रौशनी देख डर कर  रोने तब डॉक्टर अंकल ने मुझे चुप कराया। नहा धोकर मैं मैं बाहर आया ,तो मैंने दादी और पापा मिले। वे मेरे इंतजार में बहुत परेशान  थे। मुझे देखकर दादी बहुत खुश हुईं और पापा भी और मैं ?मैं भी खुश था ,मगर  तब मैं बहुत छोटा सा था। बोल भी नहीं पाता था। फिर डॉक्टर अंकल मुझे एक बड़े से कमरे में  ले गए। मुझे डायपर पहनाया और मुझे  बिस्तर पर वलिटा दिया। वहाँ और अधिक रौशनी थी।  मैं चकित था !  इतनी अधिक रौशनी ! अब उस  रौशनी में मुझे बहुत  कुछ दिखाई दे रहा था।